सी0एस0सी0
ई0 गवर्नेन्स
सर्विसेज इण्डिया लि0 एवं
न्याय विभाग/राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा संचालित टेली लॉ प्रोजेक्ट का
सक्षिप्त विवरण
टेली लॉ (TELE-LAW)- उद्देश-
भारत सरकार के न्याय विभाग एवं राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण के
अंतर्गत कानूनी प्रक्रिया को आमजन तक आसानी/सुगम तरीके से पहुंच सके I अभी तक लोगों को कानूनी सलाह प्राप्त
करने के लिए वकील के पास जाने की जरूरत होती थी । इसको देखते हुए केंद्रीय न्याय
विभाग ने सीएससी ई- गवर्नेस सर्विसेज इंडिया लि० के माध्यम से इस योजना को लागू
किया है । जिसमें सूचना और संचार तकनीकी का इस्तेमाल करके एक्सपर्ट वकील और
जरूरतमंद हितग्राहियों के बीच वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग अथवा दूरभाष के माध्यम
से संवाद कराया जा रहा है, टेली लॉ योजना को वर्ष अप्रैल 2017 में पायलट प्रोजेक्ट
के रूप में लागू किया गया था, अच्छे परिणाम को देखते हुए इसे उत्तर प्रदेश के सभी
जनपदों में वर्ष 2020-21 में लागू कर दिया गया है ।
प्रदेश के समस्त जनपदों में अधिंकाशं ग्रामीण क्षेत्रों में
सी0एस0सी0 सेन्टर प्रभारी के माध्यम से जिनको घरेलू हिसां, भू—माफिया, उत्पीड़न आदि के सम्बन्ध में कानूनी
सलाह की आवश्यक्ता होती है, परन्तु
संसाधन एवं अज्ञानता के कारण वे अपने अधिकारों से वंचित रहती/रहतें है। इन्ही
समस्याओं के समाधान के दृष्टिगत टेली—लॉ
न्याय विभाग/विधि न्याय मत्रांलय द्वारा संचालित एक ऐसी परियोजना है, जो इन्ही वंचित एंव शोषित लोगों को
कानूनी सलाह उन्के द्वार तक पहुचाता है,
एवं आवश्यक्तानुसार उनको उ0प्र0 विधिक सेवा प्राधिकरण के द्वारा जनपद
स्तर पर कानूनी सहायता भी प्रदान करता है।
टेली लॉ के माध्यम से अबतक कुल कुल 3,00,054 पीड़ितों को कानूनी सलाह
उपलब्ध करा दी गयी है।
टेली
लॉ में केस पंजीकृत करने की प्रक्रिया—
1.
पीड़ित महिला/पुरूष द्वारा मोबाइल
एप्लीकेशन के माध्यम से (Tele
Law for Citizens) या नजदीकी सी0एस0सी0 सेन्टर पर जाकर
अपनी समस्याओं को टेली—लॉ
पोर्टल पर पंजीकृत करा सकते है, केस
रजिस्ट्रेशन की कन्फर्मेशन आवेदक को उसके मोबाइल नम्बर पर एस0एम0एस0 के माध्यम से
सूचित किया जाता है।
2.
केस के पंजीकरण के उपरान्त इसकी सूचना
टेली—लॉ
पोर्टल/मो0 एप्लीकेशन पर राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (NALSA) द्वारा अधिकृत वकीलों के पास प्राप्त
होता है, जिसके
सापेक्ष सम्बन्धित आवेदक को कॉल/वीडियो कॉल के माध्यम से उनकी समस्याओं को सुनते
हुये कानूनी सलाह प्रदान किया जाता है,
एवं केस की गम्भीरता के अनुसार उ0प्र0 विधिक सेवा प्राधिकरण (UPSLSA) को प्रेषित किया जाता है, जिससे उनको लोकल स्तर कानूनी सहायता
उपलब्ध होती है।
टेली लॉ के माध्यम से शामिल प्रकरण*
•
दहेज , पारिवारिक
विवाद , तलाक , घरेलू
हिंसा से बचाव , महिला , बच्चों
और वरिष्ठ नागरिकों के भरण - पोषण , कार्यस्थल
पर लैंगिक उत्पीडन यौन दुर्व्यवहार पर ।
•
जमीन जायदाद व सम्पत्ति का अधिकार ,
महिला एवं पुरुषों के लिए समान मजदूरी , मातृत्व
लाभ , भ्रू हत्या रोकथाम,
बाल विवाह , बाल
श्रम, बाल मजदूरी, बच्चों
के शिक्षा के अधिकार ।
•
गिरफ्तारी (गिरफ्तारी के बाद की
प्रक्रिया, बिना वारंट गिरफ्तारी,
जोर जबरदस्ती से गिरफ्तारी , महिला
से पूछताछ , पुलिस हिरासत में यातना ,
एफआईआर प्रक्रिया , जमानती,
गैर जमानती अपराध ।
•
जमानती प्रक्रिया ।
•
अनुसूचित जनजाति ,
अनुसूचित जाति के प्रति अत्याचार पर ।
टेली लॉ का निःशुल्क लाभ लेने की
पात्रता-
·
अनुसूचित जाति और अनसूचित जनजाति के सदस्य।
·
महिला
·
बच्चे 18
वर्ष से कम आयु के
·
वरिष्ठ नागरिक
·
औद्योगिक श्रमिक
·
मानव तस्करी के शिकार
·
एसिड हमलों के पीड़ित
·
दिव्यांग व्यक्ति
·
प्राकृतिक आपदा/जातीय हिंसा के शिकार
·
हिरासत में व्यक्ति
·
कम आय वाले व्यक्ति
· अन्य
श्रेणी के लिए तीस रू0
प्रति केस देय होगा।
टेली—लॉ
प्रोजेक्ट में केस पंजीकरण हेतु किये गये नवीनीकरण
टेली—ला प्रोजेक्ट के
प्रभावी क्रियान्वयन हेतु सी0एस0सी0 ई0
गवर्नेन्स सर्विसेज इण्डिया लि0
द्वारा किये गये नये इनोवेशन के माध्यम से पीड़ित
मो0 एप्लीकेशन के माध्यम से भी अपने/अपनी
शिकायत टेली लॉ पोर्टल पंजीकृत कर सकता है।
जिसके लिये प्ले स्टोर पर Tele Law for Citizens एप्लीकेशन
डाउनलोड करना होगा। मो0 एप्लीकेशन
के माध्यम से की गयी शिकायत नि:शुल्क है ।
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